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Document 32005R1261
Commission Regulation (EC, Euratom) No 1261/2005 of 20 July 2005 amending Regulation (EC, Euratom) No 2342/2002 laying down detailed rules for the implementation of Council Regulation (EC, Euratom) No 1605/2002 on the Financial Regulation applicable to the general budget of the European Communities
Verordnung (EG, Euratom) Nr. 1261/2005 der Kommission vom 20. Juli 2005 zur Änderung der Verordnung (EG, Euratom) Nr. 2342/2002 mit Durchführungsbestimmungen zur Verordnung (EG, Euratom) Nr. 1605/2002 des Rates über die Haushaltsordnung für den Gesamthaushaltsplan der Europäischen Gemeinschaften
Verordnung (EG, Euratom) Nr. 1261/2005 der Kommission vom 20. Juli 2005 zur Änderung der Verordnung (EG, Euratom) Nr. 2342/2002 mit Durchführungsbestimmungen zur Verordnung (EG, Euratom) Nr. 1605/2002 des Rates über die Haushaltsordnung für den Gesamthaushaltsplan der Europäischen Gemeinschaften
ABl. L 201 vom 2.8.2005, p. 3–22
(ES, CS, DA, DE, ET, EL, EN, FR, IT, LV, LT, HU, NL, PL, PT, SK, SL, FI, SV) Dieses Dokument wurde in einer Sonderausgabe veröffentlicht.
(BG, RO, HR)
ABl. L 287M vom 18.10.2006, p. 226–245
(MT)
No longer in force, Date of end of validity: 31/12/2012; Aufgehoben durch 32012R1268
Relation | Act | Comment | Subdivision concerned | From | To |
---|---|---|---|---|---|
Modifies | 32002R2342 | Ersetzung | TITRE Artikel 147 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Zusatz | Artikel 125 BI | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Ersetzung | TITRE Artikel 158 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Änderung | Artikel 130.1 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Zusatz | Artikel 131.5 TR | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Zusatz | Artikel 137.3 BI | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Änderung | Artikel 182.3 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Ersetzung | TITRE Artikel 154 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Änderung | Artikel 169.2 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Ersetzung | Artikel 129.3 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Ersetzung | Artikel 116.7 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Änderung | Artikel 126.1 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Vervollständigung | Artikel 136.3 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Änderung | Artikel 147.3 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Ersetzung | Artikel 166 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Zusatz | Artikel 137.3 TR | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Zusatz | Artikel 135.6 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Änderung | Artikel 146.2 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Ersetzung | Artikel 135.5 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Ersetzung | Artikel 141.2 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Ersetzung | Artikel 156.1 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Zusatz | Artikel 143.1 BI | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Änderung | Artikel 119.2 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Ersetzung | Artikel 31.2 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Änderung | Artikel 127.1 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Zusatz | Artikel 156.1 BI | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Änderung | Artikel 168.1 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Änderung | Artikel 130.2 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Änderung | Artikel 116.2 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Vervollständigung | Artikel 137.4 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Änderung | Artikel 146.3 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Änderung | Artikel 119.1 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Änderung | Artikel 120.1 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Zusatz | Artikel 140.5 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Ersetzung | Artikel 145.1 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Ersetzung | Artikel 149.1 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Ersetzung | Artikel 172.1 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Änderung | Artikel 4.2 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Vervollständigung | Artikel 131.4 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Änderung | Artikel 145.2 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Ersetzung | Artikel 122.2 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Ersetzung | TITRE Artikel 119 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Ersetzung | Artikel 140.4 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Zusatz | Artikel 123.3 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Ersetzung | Artikel 116.6 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Zusatz | Artikel 138 BI | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Änderung | Artikel 156.2 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Ersetzung | Artikel 118 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Zusatz | Artikel 125 TR | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Änderung | Artikel 145.3 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Ersetzung | Artikel 129.4 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Zusatz | Artikel 116.5 BI | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Ersetzung | Artikel 123.2 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Ersetzung | Artikel 134 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Änderung | Artikel 137.2 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Ersetzung | Artikel 181 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Änderung | Artikel 180.2 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Änderung | Artikel 116.3 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Vervollständigung | Artikel 116.5 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Ersetzung | Artikel 117 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Vervollständigung | Artikel 124 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Vervollständigung | Artikel 125.3 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Ersetzung | Artikel 127.2 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Änderung | Artikel 131.2 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Vervollständigung | Artikel 131.5 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Zusatz | Artikel 131.5 BI | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Ersetzung | Artikel 140.2 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Ersetzung | Artikel 140.3 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Ersetzung | Artikel 141.1 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Ersetzung | Artikel 142 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Änderung | Artikel 146.1 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Änderung | Artikel 147.2 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Zusatz | Artikel 148.5 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Ersetzung | Artikel 157 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Ersetzung | Artikel 165.2 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Zusatz | Artikel 180.1 BI | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Vervollständigung | Artikel 182.1 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Vervollständigung | Artikel 182.4 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Vervollständigung | Artikel 139.1 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Zusatz | Artikel 149.3 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Änderung | Artikel 241.3 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Änderung | Artikel 131.3 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Änderung | Artikel 138.3 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Änderung | Artikel 234.1 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Änderung | Artikel 164.1 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Änderung | Artikel 116.4 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Änderung | Artikel 130.3 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Änderung | Artikel 136.1 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Ersetzung | Artikel 183 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Ersetzung | Artikel 155.2 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Ersetzung | Artikel 158.1 | 05/08/2005 | |
Modifies | 32002R2342 | Ersetzung | Artikel 143.1 | 05/08/2005 |
Relation | Act | Comment | Subdivision concerned | From | To |
---|---|---|---|---|---|
Repealed by | 32012R1268 |
2.8.2005 |
DE |
Amtsblatt der Europäischen Union |
L 201/3 |
VERORDNUNG (EG, EURATOM) Nr. 1261/2005 DER KOMMISSION
vom 20. Juli 2005
zur Änderung der Verordnung (EG, Euratom) Nr. 2342/2002 mit Durchführungsbestimmungen zur Verordnung (EG, Euratom) Nr. 1605/2002 des Rates über die Haushaltsordnung für den Gesamthaushaltsplan der Europäischen Gemeinschaften
DIE KOMMISSION DER EUROPÄISCHEN GEMEINSCHAFTEN —
gestützt auf den Vertrag zur Gründung der Europäischen Gemeinschaft,
gestützt auf den Vertrag zur Gründung der Europäischen Atomgemeinschaft,
gestützt auf die Verordnung (EG, Euratom) Nr. 1605/2002 des Rates vom 25. Juni 2002 über die Haushaltsordnung für den Gesamthaushaltsplan der Europäischen Gemeinschaften (1), insbesondere auf Artikel 183,
nach Konsultation des Europäischen Parlaments, des Rates, des Gerichtshofs der Europäischen Gemeinschaften, des Rechnungshofs, des Europäischen Wirtschafts- und Sozialausschusses, des Ausschusses der Regionen, des Europäischen Bürgerbeauftragten und des Europäischen Datenschutzbeauftragten,
in Erwägung nachstehender Gründe:
(1) |
Gemäß der Verordnung (EG, Euratom) Nr. 1605/2002 (nachstehend „Haushaltsordnung“ genannt) haben die Gemeinschaftsorgane bei der Vergabe ihrer eigenen Aufträge die Vorschriften der für die Mitgliedstaaten geltenden Richtlinien zu beachten. Im Wege der Richtlinie 2004/18/EG des Europäischen Parlaments und des Rates vom 31. März 2004 über die Koordinierung der Verfahren zur Vergabe öffentlicher Bau-, Liefer- und Dienstleistungsaufträge (2) wurden diese Vorschriften geändert. Daher muss nunmehr auch die Verordnung (EG, Euratom) Nr. 2342/2002 der Kommission (3), mit der im Wesentlichen die Richtlinie 92/50/EWG des Rates (4) im Bereich der öffentlichen Dienstleistungsaufträge in die internen Finanzvorschriften für die Organe übernommen wurde, an die mit der Richtlinie 2004/18/EG eingeführten Neuerungen — soweit erheblich — angepasst werden. |
(2) |
Die Neuerungen betreffen hauptsächlich folgende Bereiche: neue Möglichkeiten der Auftragsvergabe auf elektronischem Wege, einschließlich des neuen dynamischen Beschaffungssystems für marktübliche Leistungen, wettbewerblicher Dialog, Verfahrensregeln für als geheim eingestufte Aufträge, Inanspruchnahme von Rahmenvereinbarungen, die im Rahmen des Haushaltsvollzugs aus praktischen Gründen nach wie vor als Rahmenvertrag betrachtet werden müssen und es nunmehr ermöglichen, die Parteien der Rahmenvereinbarung zwecks Vergabe besonderer Aufträge untereinander in Wettbewerb zu stellen, sowie verstärkte Berücksichtigung der Sozial- und Umweltaspekte bei der Bewertung der Angebote. Außerdem wurden die Schwellenwerte für nicht unter das WTO-Abkommen fallende Dienstleistungsaufträge neu festgesetzt. Die Richtlinie 2004/18/EG vereinheitlicht ferner die für die drei großen Auftragskategorien geltenden Vorschriften betreffend die Veröffentlichung, die technischen Spezifikationen und die Berechnung des Auftragswertes. |
(3) |
Die Bestimmungen über die Identifizierung der Zinsen aus Vorfinanzierungen haben sich als zu restriktiv herausgestellt. Es muss vorgesehen werden, dass die Identifizierung dieser Zinsen mit Hilfe jeder Buchführungsmethode erfolgen kann. |
(4) |
Artikel 31 der Verordnung (EG, Euratom) Nr. 2342/2002 regelt gemäß Artikel 49 der Haushaltsordnung die möglichen Formen der Basisrechtsakte, nennt jedoch nicht alle Rechtsinstrumente, die der Rat in der Gemeinsamen Außen- und Sicherheitspolitik heranziehen kann. Die Liste der Basisrechtsakte ist daher um die Beschlüsse betreffend den Abschluss internationaler Übereinkommen sowie die Beschlüsse über befristete Dringlichkeitsmaßnahmen in Krisensituationen zu ergänzen. |
(5) |
Außerdem muss das Verfahren zur Unterrichtung der Bewerber oder Bieter festgeschrieben werden, die im Falle von Aufträgen, die die Organe auf eigene Rechnung vergeben, abgelehnt werden. Die abgelehnten Bewerber oder Bieter sind vor der Unterzeichnung des Vertrags zu unterrichten, insbesondere über die Gründe für die Ablehnung ihrer Bewerbung bzw. ihres Angebots. Durch die Festschreibung dieses Verfahrens wird den Organen eine Verpflichtung auferlegt, denen auch die Mitgliedstaaten aufgrund eines Urteils des Gerichtshofs der Europäischen Gemeinschaften unterliegen. |
(6) |
Die derzeit geltenden verfahrenstechnischen Vorgaben für Aufträge mit geringem Finanzvolumen sowie diejenigen für juristische Dienstleistungsaufträge, die deutlich strikter gefasst sind als in der Richtlinie 2004/18/EG, haben sich in der Praxis als zu schwerfällig erwiesen. Die entsprechenden Vorschriften sollten daher gelockert werden. Dies gilt insbesondere für die Veröffentlichung und — vorbehaltlich der Ergebnisse der vom Anweisungsbefugten durchgeführten Risikoanalyse — für die beizubringenden Nachweise. In letzterem Fall muss der öffentliche Auftraggeber stets in der Lage sein, seine Entscheidung zu begründen. |
(7) |
Mit der Liberalisierung des Post- und Telekommunikationssektors wird außerdem die bisherige Unterscheidung zwischen der Übermittlung von Unterlagen per Einschreiben und über Kurierdienst hinfällig, da nunmehr in beiden Fällen eine Ablieferungsbestätigung ausgestellt wird, die zum förmlichen Nachweis des Absendungsdatums herangezogen werden kann. |
(8) |
Die Gemeinschaftsorgane sollten sich an die in der Verordnung (EG) Nr. 2195/2002 des Europäischen Parlaments und des Rates vom 5. November 2002 über das gemeinsame Vokabular für öffentliche Aufträge (CPV) (5) festgeschriebene Terminologie halten. |
(9) |
Bei den Finanzhilfen hat sich die Frist für die Vorlage des jährlichen Arbeitsprogramms (31. Januar) als übermäßig knapp bemessen und kaum einhaltbar erwiesen, vor allem in den Fällen, in denen Basisrechtsakte oder Pilotprojekte verspätet genehmigt wurden, oder wegen der Ausschussverfahren. Sie muss also gelockert werden, ohne dass dadurch jedoch die Funktionen dieses Programms — zum einen Ex-ante-Bekanntmachung der Aufträge, zum anderen Vorbedingung für die haushaltstechnische Ausführung der Finanzhilfen — beeinträchtigt werden. |
(10) |
Es hat sich gezeigt, dass die Bestimmungen, die die Art der zur Untermauerung der Erstattungsanträge durchzuführenden Prüfungen sowie die in diesem Zusammenhang geltenden Schwellenwerte regeln, häufig unklar oder unnötig kompliziert formuliert sind und daher vereinfacht und gestrafft werden sollten. |
(11) |
Im Bereich der humanitären Hilfe haben die Finanzhilfeempfänger im allgemeinen Partnerschaftsabkommen mit der Kommission geschlossen, in deren Rahmen regelmäßige Prüfungen und Kontrollen vorgeschrieben sind. Der zuständige Anweisungsbefugte kann auf der Grundlage einer Analyse der Verwaltungsrisiken davon ausgehen, dass diese Kontrollvorkehrungen gleichwertige Zuverlässigkeitsgarantien bieten wie die Rechnungsprüfung, die normalerweise durchzuführen ist, bevor die Restzahlung beantragt werden kann. Um die administrative Abwicklung der Maßnahmen zu vereinfachen, sollte unter diesen Umständen dem Anweisungsbefugten die Möglichkeit eingeräumt werden, auf eine eigene Rechnungsprüfung vor Leistung der Restzahlung zu verzichten. |
(12) |
Im Interesse eines wirksameren Einsatzes der Gemeinschaftsmittel ist es angezeigt, die Bedingungen für die Inanspruchnahme von Pauschalfinanzierungen zu lockern, wobei gleichzeitig für eine verstärkte Haftung und Ergebnisverpflichtung der Finanzhilfeempfänger gesorgt werden muss. |
(13) |
Die Verordnung (EG, Euratom) Nr. 2342/2002 sollte daher entsprechend geändert werden — |
HAT FOLGENDE VERORDNUNG ERLASSEN:
Artikel 1
Die Verordnung (EG, Euratom) Nr. 2342/2002 wird wie folgt geändert:
1. |
In Artikel 4 Absatz 2 erhalten der einleitende Satz und Buchstabe a folgende Fassung: „Die Anweisungsbefugten tragen in den mit den Empfängern und den zwischengeschalteten Stellen geschlossenen Vereinbarungen dafür Sorge, dass:
|
2. |
Artikel 31 Absatz 2 erhält folgende Fassung: „(2) Im Bereich der Gemeinsamen Außen- und Sicherheitspolitik kann ein Basisrechtsakt in einer in Artikel 13 Absatz 2, Artikel 14, Artikel 23 Absatz 2 und Artikel 24 des Vertrages über die Europäische Union bezeichneten Form erlassen werden. In Krisensituationen im Sinne von Artikel 168 Absatz 2 der vorliegenden Verordnung und im Falle befristeter Aktionen kann ein Basisrechtsakt auch in einer in Artikel 13 Absatz 3 und in Artikel 23 Absatz 1 des Vertrages über die Europäische Union bezeichneten Form erlassen werden.“ |
3. |
Artikel 116 wird wie folgt geändert:
|
4. |
Die Artikel 117 und 118 erhalten folgende Fassung: „Artikel 117 Rahmenverträge und besondere Aufträge (Artikel 88 der Haushaltsordnung) (1) Ein Rahmenvertrag ist ein Vertrag zwischen einem oder mehreren öffentlichen Auftraggebern und einem oder mehreren Wirtschaftsteilnehmern, der zum Ziel hat, die Bedingungen für die Aufträge, die im Laufe eines bestimmten Zeitraums vergeben werden sollen, festzulegen, insbesondere in Bezug auf den Preis und gegebenenfalls die in Aussicht genommene Menge. Wird ein Rahmenvertrag mit mehreren Wirtschaftsteilnehmern geschlossen, so müssen mindestens drei Parteien beteiligt sein, sofern eine ausreichend große Zahl von Wirtschaftsteilnehmern die Eignungskriterien und/oder eine ausreichend große Zahl von zulässigen Angeboten die Zuschlagskriterien erfüllt. Der Rahmenvertrag mit mehreren Wirtschaftsteilnehmern kann in Form von Einzelverträgen, jedoch zu gleich lautenden Bedingungen, geschlossen werden. Mit Ausnahme von Sonderfällen, in denen dies insbesondere aufgrund des Gegenstands des Rahmenvertrags gerechtfertigt werden kann, darf die Laufzeit des Rahmenvertrags vier Jahre nicht überschreiten. Der öffentliche Auftraggeber darf das Instrument des Rahmenvertrags nicht missbräuchlich oder in einer Weise anwenden, durch die der Wettbewerb behindert, eingeschränkt oder verfälscht wird. Rahmenverträge werden bezüglich des Vergabeverfahrens, einschließlich der Veröffentlichung, öffentlichen Aufträgen gleichgestellt. (2) Besondere Aufträge, die auf einem Rahmenvertrag beruhen, werden nach den in dem Rahmenvertrag festgeschriebenen Verfahren vergeben. Diese Verfahren sind nur zwischen dem öffentlichen Auftraggeber und den Wirtschaftsteilnehmern anzuwenden, die von Anfang an dem Rahmenvertrag beteiligt sind. Bei der Vergabe der auf einem Rahmenvertrag beruhenden besonderen Aufträge dürfen die Parteien keinesfalls substanzielle Änderungen an den Bedingungen des Rahmenvertrags vornehmen; dies ist insbesondere in dem in Absatz 3 genannten Fall zu beachten. (3) Wird ein Rahmenvertrag mit einem einzigen Wirtschaftsteilnehmer geschlossen, so werden die auf diesem Rahmenvertrag beruhenden besonderen Aufträge entsprechend den Bedingungen des Rahmenvertrags vergeben. Für die Vergabe der besonderen Aufträge kann der öffentliche Auftraggeber den an dem Rahmenvertrag beteiligten Wirtschaftsteilnehmer schriftlich konsultieren und ihn dabei auffordern, sein Angebot erforderlichenfalls zu vervollständigen. (4) Die Vergabe besonderer Aufträge, die auf einem mit mehreren Wirtschaftsteilnehmern geschlossenen Rahmenvertrag beruhen, erfolgt wie folgt:
Vor Vergabe eines besonderen Auftrags nach den in Unterabsatz 1 Buchstabe b festgelegten Bedingungen konsultieren die öffentlichen Auftraggeber schriftlich die Wirtschaftsteilnehmer, die in der Lage sind, den besonderen Auftrag auszuführen, und setzen diesen eine hinreichende Frist für die Einreichung ihrer Angebote. Die Angebote sind schriftlich einzureichen. Die öffentlichen Auftraggeber vergeben die besonderen Aufträge an den Bieter, der auf der Grundlage der in den Verdingungsunterlagen des Rahmenvertrags aufgestellten Zuschlagskriterien das jeweils beste Angebot vorgelegt hat. (5) Nur auf Rahmenverträgen beruhende besondere Aufträge sind Gegenstand einer vorherigen Mittelbindung. Artikel 118 Maßnahmen zur Veröffentlichung von Aufträgen im Rahmen der Richtlinie 2004/18/EG mit Ausnahme der Aufträge gemäß deren Anhang II Teil B (Artikel 90 der Haushaltsordnung) (1) Die Veröffentlichung von Aufträgen, deren Wert die in den Artikeln 157 und 158 festgelegten Schwellenwerte erreicht oder übersteigt, umfasst eine Vorabinformation, eine Bekanntmachung oder vereinfachte Bekanntmachung sowie eine Mitteilung über die Vergabe des Auftrags. (2) Im Rahmen der Vorabinformation teilen die öffentlichen Auftraggeber den nach Kategorien von Dienstleistungen bzw. Warengruppen aufgeschlüsselten geschätzten Gesamtwert der Dienstleistungs- und Lieferaufträge oder -rahmenverträge oder die wesentlichen Merkmale der Bauaufträge mit, die sie im Laufe des Haushaltsjahres vergeben wollen, mit Ausnahme der im Verhandlungsverfahren vergebenen Aufträge, für die keine vorherige Bekanntmachung erfolgt. Eine Vorabinformation ist nur dann zwingend vorgeschrieben, wenn der Gesamtwert der Aufträge die in Artikel 157 festgelegten Schwellenwerte erreicht oder übersteigt und der öffentliche Auftraggeber von den Fristverkürzungen gemäß Artikel 140 Absatz 4 Gebrauch zu machen gedenkt. Die Bekanntmachung der Vorabinformation wird entweder vom Amt für amtliche Veröffentlichungen der Europäischen Gemeinschaften (AAV) veröffentlicht oder aber vom öffentlichen Auftraggeber über sein ‚Beschafferprofil‘ gemäß Anhang VIII Nummer 2 Buchstabe b der Richtlinie 2004/18/EG verbreitet. Die Vorabinformation wird so bald wie möglich, auf jeden Fall spätestens am 31. März eines jeden Haushaltsjahres bei Liefer- und Dienstleistungsaufträgen bzw. unverzüglich nach Ergehen des entsprechenden Programmbeschlusses bei Bauaufträgen dem AAV zugeleitet bzw. über ein Beschafferprofil veröffentlicht. Veröffentlicht ein öffentlicher Auftraggeber eine Vorabinformation in seinem Beschafferprofil, so meldet er dem AAV zuvor auf elektronischem Wege die Veröffentlichung einer Vorabinformation in einem Beschafferprofil, unter Beachtung der Angaben zu Format und Verfahren bei der Übermittlung von Bekanntmachungen in Anhang VIII Nummer 3 der Richtlinie 2004/18/EG. (3) Die Bekanntmachung gestattet es den öffentlichen Auftraggebern, ihre Absicht zur Einleitung eines Vergabeverfahrens, zum Abschluss eines Rahmenvertrags oder zur Einrichtung eines dynamischen Beschaffungssystems im Sinne von Artikel 125 a mitzuteilen. Eine Bekanntmachung ist unbeschadet der im Verhandlungsverfahren vergebenen Aufträge gemäß Artikel 126 zwingend vorgeschrieben für alle Aufträge, deren geschätzter Wert die in Artikel 158 Absatz 1 Buchstaben a und c festgelegten Schwellenwerte erreicht oder übersteigt. Eine solche Vorschrift gilt nicht für auf Rahmenverträgen beruhende besondere Aufträge. Ein öffentlicher Auftraggeber, der auf der Grundlage eines dynamischen Beschaffungssystems einen Auftrag vergeben will, teilt seine Absicht durch eine vereinfachte Bekanntmachung mit. In der Bekanntmachung von offenen Verfahren sind Datum, Zeitpunkt und gegebenenfalls Ort der Sitzung des Eröffnungsausschusses anzugeben, an der die Bieter teilnehmen können. Die öffentlichen Auftraggeber teilen mit, inwieweit sie Varianten und Mindestanforderungen hinsichtlich der Leistungsfähigkeit zulassen, wenn sie von der in Artikel 135 Absatz 2 Unterabsatz 2 vorgesehenen Möglichkeit Gebrauch machen. Sie geben an, welche der Auswahlkriterien gemäß Artikel 135 sie zu verwenden gedenken, wie viele Bewerber mindestens — und gegebenenfalls höchstens — zugelassen werden sollen, und welche objektiven und nicht diskriminierenden Kriterien sie erforderlichenfalls zur Einschränkung der Bewerberzahl im Sinne von Artikel 123 Absatz 1 Unterabsatz 2 heranziehen wollen. Sind die Ausschreibungsunterlagen, vor allem im Rahmen dynamischer Beschaffungssysteme gemäß Artikel 125a, frei, direkt und uneingeschränkt elektronisch zugänglich, so ist die Internet-Adresse, über die diese Unterlagen eingesehen werden können, in der Bekanntmachung anzugeben. Plant ein öffentlicher Auftraggeber die Veranstaltung eines Wettbewerbsverfahrens, so teilt er dies im Wege einer Bekanntmachung mit. (4) In der Mitteilung über die Vergabe werden die Ergebnisse der Verfahren zur Vergabe von Einzelaufträgen, zum Abschluss von Rahmenverträgen oder zur Auftragsvergabe im Wege eines dynamischen Beschaffungssystems bekannt gegeben. Eine solche Mitteilung ist zwingend vorgeschrieben, wenn der Auftragswert die in Artikel 158 festgelegten Schwellen erreicht oder übersteigt. Sie ist nicht obligatorisch für auf Rahmenverträgen beruhende besondere Aufträge. Die Mitteilung ist spätestens 48 Kalendertage nach Abschluss des Verfahrens, d. h. gerechnet ab dem Tag der Unterzeichnung des betreffenden Vertrags oder Rahmenvertrags, dem AAV zuzusenden. Bei der Auftragsvergabe im Rahmen eines dynamischen Beschaffungssystems können die Mitteilungen jedoch quartalsmäßig zusammengefasst werden. In diesem Fall erfolgt die Übermittlung an das AAV spätestens 48 Tage nach dem jeweiligen Quartalsende. Öffentliche Auftraggeber, die ein Wettbewerbsverfahren veranstaltet haben, übermitteln dem AAV eine Bekanntmachung der Ergebnisse. (5) Alle Bekanntmachungen sind nach Maßgabe der Standardformblätter abzufassen, die die Kommission in Anwendung der Richtlinie 2004/18/EG ausgearbeitet hat.“ |
5. |
Artikel 119 wird wie folgt geändert:
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6. |
Artikel 120 Absatz 1 Unterabsatz 2 erhält folgende Fassung: „Die Frist nach Unterabsatz 1 verkürzt sich bei den in Artikel 142 genannten beschleunigten Verfahren auf fünf Kalendertage.“ |
7. |
Artikel 122 Absatz 2 erhält folgende Fassung: „(2) Das Verfahren ist offen, wenn alle interessierten Wirtschaftsteilnehmer ein Angebot einreichen können. Dies gilt auch für die in Artikel 125a genannten dynamischen Beschaffungssysteme. Es ist nicht offen, wenn alle Wirtschaftsteilnehmer die Teilnahme beantragen können, aber nur die Bewerber, die die in Artikel 135 genannten Auswahlkriterien erfüllen und die von den öffentlichen Auftraggebern gleichzeitig schriftlich zur Teilnahme aufgefordert werden, ein Angebot oder einen Lösungsvorschlag im Rahmen des wettbewerblichen Dialogverfahrens gemäß Artikel 125b einreichen können. Die Auswahl kann entweder für jeden Auftrag getrennt erfolgen, auch im Rahmen eines wettbewerblichen Dialogs, oder aber im Verfahren gemäß Artikel 128 mit Blick auf die Erstellung eines Verzeichnisses der in Betracht kommenden Bewerber.“ |
8. |
Artikel 123 wird wie folgt geändert:
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9. |
In Artikel 124 wird folgender Absatz angefügt: „Kann ein öffentlicher Auftraggeber Aufträge im Verhandlungsverfahren gemäß Artikel 127 nach Veröffentlichung einer Bekanntmachung vergeben, so kann er vorsehen, dass das Verhandlungsverfahren in verschiedenen aufeinander folgenden Phasen abgewickelt wird, um so die Zahl der Angebote, über die verhandelt wird, anhand der in der Bekanntmachung oder in den Verdingungsunterlagen angegebenen Zuschlagskriterien zu verringern. In der Bekanntmachung oder in den Verdingungsunterlagen ist anzugeben, ob diese Möglichkeit in Anspruch genommen wird.“ |
10. |
In Artikel 125 Absatz 3 wird folgender Unterabsatz angefügt: „Die Bewerber können bei Bedarf aufgefordert werden, zur Klärung bestimmter Aspekte der Wettbewerbsarbeiten Antworten auf Fragen zu erteilen, die das Preisgericht in seinem Protokoll festgehalten hat. Über den Dialog zwischen den Preisrichtern und den Bewerbern wird ein umfassendes Protokoll erstellt.“ |
11. |
Folgende Artikel 125a und 125b werden eingefügt: „Artikel 125a Dynamische Beschaffungssysteme (Artikel 91 der Haushaltsordnung) (1) Ein dynamisches Beschaffungssystem gemäß Artikel 1 Absatz 6 und Artikel 33 der Richtlinie 2004/18/EG ist ein vollelektronisches Verfahren für die Beschaffung von marktgängigen Leistungen, bei denen die allgemein auf dem Markt verfügbaren Merkmale den Anforderungen des öffentlichen Auftraggebers genügen; dieses Verfahren steht während der gesamten Verfahrensdauer jedem Wirtschaftsteilnehmer offen, der die Eignungskriterien erfüllt und ein erstes unverbindliches Angebot im Einklang mit den Verdingungsunterlagen unterbreitet hat. Diese Angebote können jederzeit verbessert werden, sofern sie weiterhin mit den Verdingungsunterlagen übereinstimmen. (2) Zur Einrichtung des dynamischen Beschaffungssystems veröffentlichen die öffentlichen Auftraggeber eine Bekanntmachung mit Angabe der Internet-Adresse, unter der die Verdingungsunterlagen und jedwede zusätzlichen Dokumente ab dem Zeitpunkt der Veröffentlichung der Bekanntmachung und bis zur Beendigung des Systems frei, unmittelbar und uneingeschränkt abgerufen werden können. In den Verdingungsunterlagen präzisieren sie unter anderem die Art der in Betracht gezogenen Anschaffungen, die Gegenstand dieses Systems sind, sowie alle erforderlichen Informationen betreffend das Beschaffungssystem, die verwendete elektronische Ausrüstung und die technischen Vorkehrungen und Merkmale der Verbindung. (3) Die öffentlichen Auftraggeber räumen während der gesamten Laufzeit des dynamischen Beschaffungssystems jedem Wirtschaftsteilnehmer die Möglichkeit ein, ein unverbindliches Angebot zu unterbreiten, um gemäß Absatz 1 zur Teilnahme am System zugelassen zu werden. Sie schließen die Evaluierung binnen einer Frist von höchstens 15 Tagen ab dem Zeitpunkt der Vorlage des unverbindlichen Angebots ab. Sie können die Evaluierung jedoch verlängern, sofern nicht zwischenzeitlich ein Aufruf zum Wettbewerb erfolgt. Der öffentliche Auftraggeber unterrichtet den Bieter unverzüglich darüber, ob er zur Teilnahme am dynamischen Beschaffungssystem zugelassen oder sein Angebot abgelehnt wurde. (4) Für jeden Einzelauftrag hat ein gesonderter Aufruf zum Wettbewerb zu erfolgen. Vor diesem Aufruf zum Wettbewerb veröffentlichen die öffentlichen Auftraggeber eine vereinfachte Bekanntmachung, in der alle interessierten Wirtschaftsteilnehmer aufgefordert werden, ein unverbindliches Angebot abzugeben, und zwar binnen einer Frist, die nicht weniger als 15 Tage ab dem Versand der vereinfachten Bekanntmachung betragen darf. Die öffentlichen Auftraggeber nehmen den Aufruf zum Wettbewerb erst dann vor, wenn alle fristgerecht eingegangenen unverbindlichen Angebote ausgewertet wurden. Die öffentlichen Auftraggeber fordern sodann alle zur Teilnahme am System zugelassenen Bieter auf, binnen einer hinlänglichen Frist ihre Angebote einzureichen. Sie vergeben den Auftrag an den Bieter, der nach den in der Bekanntmachung für die Einrichtung des dynamischen Beschaffungssystems aufgestellten Zuschlagskriterien das wirtschaftlich günstigste Angebot vorgelegt hat. Diese Kriterien können gegebenenfalls in der vorgenannten Aufforderung präzisiert werden. (5) Außer in hinlänglich begründeten Sonderfällen darf die Laufzeit eines dynamischen Beschaffungssystems vier Jahre nicht überschreiten. Die öffentlichen Auftraggeber dürfen dieses System nicht in einer Weise anwenden, durch die der Wettbewerb behindert, eingeschränkt oder verfälscht wird. Den betreffenden Wirtschaftsteilnehmern oder den am System teilnehmenden Parteien dürfen keine Bearbeitungsgebühren in Rechnung gestellt werden. Artikel 125b Wettbewerblicher Dialog (Artikel 91 der Haushaltsordnung) (1) Wenn bei besonders komplexen Aufträgen der öffentliche Auftraggeber zu dem Schluss gelangt, dass die üblichen Modalitäten des offenen oder nichtoffenen Verfahrens keine Zuschlagserteilung nach dem Kriterium des wirtschaftlich günstigsten Angebots gestatten, kann er auf das Verfahren des wettbewerblichen Dialogs im Sinne von Artikel 29 der Richtlinie 2004/18/EG zurückgreifen. Ein Auftrag gilt als besonders komplex, wenn der öffentliche Auftraggeber objektiv nicht in der Lage ist, die technischen Mittel, mit denen seinen Bedürfnissen oder Zielsetzungen am besten Rechnung getragen werden kann, zu definieren oder den rechtlichen oder finanziellen Rahmen eines Projekts zu bestimmen. (2) Die öffentlichen Auftraggeber veröffentlichen eine Bekanntmachung, in der sie ihre Bedürfnisse und Anforderungen formulieren, die sie in dieser Bekanntmachung und/oder in einer Beschreibung näher erläutern. (3) Sie eröffnen mit den nach Maßgabe der Kriterien gemäß Artikel 135 ausgewählten Bewerbern einen Dialog, dessen Ziel es ist, die Mittel, mit denen ihre Bedürfnisse am besten erfüllt werden können, zu ermitteln und festzulegen. Die öffentlichen Auftraggeber tragen dafür Sorge, dass alle Bieter bei dem Dialog gleich behandelt werden. Insbesondere dürfen Lösungsvorschläge oder vertrauliche Informationen eines teilnehmenden Bewerbers nicht ohne dessen Zustimmung an die anderen Teilnehmer weitergegeben werden. Die öffentlichen Auftraggeber können vorsehen, dass das Verfahren in verschiedenen aufeinander folgenden Phasen abgewickelt wird, um so die Zahl der in der Dialogphase zu erörternden Lösungen anhand der in der Bekanntmachung oder in der Beschreibung angegebenen Zuschlagskriterien zu verringern, sofern darin die Inanspruchnahme einer solchen Möglichkeit vorgesehen ist. (4) Nachdem die öffentlichen Auftraggeber die Teilnehmer von den Ergebnissen des Dialogs in Kenntnis gesetzt haben, fordern sie diese auf, auf der Grundlage der eingereichten und in der Dialogphase näher ausgeführten Lösungen ihr endgültiges Angebot abzugeben. Diese Angebote müssen alle zur Ausführung des Projekts erforderlichen Einzelheiten enthalten. Auf Verlangen des öffentlichen Auftraggebers können Klarstellungen, Präzisierungen, Feinabstimmungen und Ergänzungen zu diesen Angeboten gemacht werden. Diese dürfen jedoch keine Änderung der grundlegenden Elemente des Angebots oder der Ausschreibung zur Folge haben, die den Wettbewerb verfälschen oder sich diskriminierend auswirken könnte. Auf Wunsch des öffentlichen Auftraggebers darf der Bieter, dessen Angebot als das wirtschaftlich günstigste ermittelt wurde, ersucht werden, bestimmte Aspekte des Angebots näher zu erläutern oder im Angebot enthaltene Zusagen zu bestätigen, sofern dies nicht dazu führt, dass wesentliche Aspekte des Angebots oder der Ausschreibung geändert werden, und sofern dies nicht die Gefahr von Wettbewerbsverzerrungen oder Diskriminierungen mit sich bringt. (5) Die öffentlichen Auftraggeber können Prämien oder Zahlungen an die Teilnehmer am Dialog vorsehen.“ |
12. |
Artikel 126 wird wie folgt geändert:
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13. |
Artikel 127 wird wie folgt geändert:
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14. |
In Artikel 129 erhalten die Absätze 3 und 4 folgende Fassung: „(3) Bei Aufträgen im Wert von unter 3 500 EUR ist ein einziges Angebot ausreichend. (4) Ausgabenbeträge von unter 200 EUR können zur Begleichung einer Rechnung gezahlt werden, ohne dass zuvor ein Angebot angenommen wurde.“ |
15. |
Artikel 130 wird wie folgt geändert:
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16. |
Artikel 131 wird wie folgt geändert:
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17. |
Artikel 134 erhält folgende Fassung: „Artikel 134 Nachweise (Artikel 93 bis 96 der Haushaltsordnung) (1) Der öffentliche Auftraggeber akzeptiert als ausreichenden Nachweis dafür, dass keiner der in Artikel 93 Absatz 1 Buchstaben a, b oder e der Haushaltsordnung genannten Fälle auf den Bewerber oder den Bieter zutrifft, einen Strafregisterauszug neueren Datums oder in Ermangelung eines solchen eine gleichwertige Bescheinigung einer zuständigen Justiz- oder Verwaltungsbehörde des Ursprungs- oder Herkunftslandes, aus der hervorgeht, dass diese Anforderungen erfüllt sind. Der öffentliche Auftraggeber akzeptiert als ausreichenden Nachweis dafür, dass der in Artikel 93 Absatz 1 Buchstabe d der Haushaltsordnung genannte Fall auf den Bewerber oder Bieter nicht zutrifft, eine von der zuständigen Behörde des betreffenden Staates kürzlich ausgestellte Bescheinigung. (2) In dem Fall, dass eine Bescheinigung nach Absatz 1 von dem betreffenden Land nicht ausgestellt wird, sowie in den übrigen Ausschlussfällen gemäß Artikel 93 und 94 der Haushaltsordnung, kann sie durch eine eidesstattliche oder eine ehrenwörtliche Erklärung ersetzt werden, die der betreffende Auftragnehmer vor einer zuständigen Justiz- oder Verwaltungsbehörde, einem Notar oder einer dafür zuständigen Berufsorganisation des Ursprungs- oder Herkunftslandes abgibt. Bei Aufträgen im Wert unter 50 000 EUR kann sich der öffentliche Auftraggeber auf der Grundlage einer entsprechenden Risikoanalyse mit einer ehrenwörtlichen Versicherung der Bieter oder Bewerber begnügen, in der diese erklären, dass keiner der in den Artikeln 93 und 94 der Haushaltsordnung genannten Fälle auf sie zutrifft. (3) Je nach dem Recht des Landes, in dem der Bieter oder Bewerber niedergelassen ist, betreffen die in den Absätzen 1 und 2 genannten Urkunden juristische und/oder natürliche Personen, einschließlich, wenn der öffentliche Auftraggeber es für erforderlich hält, der Unternehmensleiter oder der Personen, die in Bezug auf den Bewerber oder Bieter über eine Vertretungs-, Entscheidungs- oder Kontrollbefugnis verfügen. (4) Wenn die öffentlichen Auftraggeber Bedenken in Bezug auf die persönliche Lage der Bewerber oder Bieter haben, können sie bei den in Absatz 1 bezeichneten zuständigen Behörden die nach ihrem Ermessen erforderlichen ergänzenden Informationen einholen.“ |
18. |
Artikel 135 wird wie folgt geändert:
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19. |
Artikel 136 wird wie folgt geändert:
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20. |
Artikel 137 wird wie folgt geändert:
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21. |
In Artikel 138 Absatz 3 erhalten die Unterabsätze 1 und 2 folgende Fassung: „Der öffentliche Auftraggeber macht in der Bekanntmachung des Auftrags oder in den Verdingungsunterlagen oder in der Beschreibung genaue Angaben zur relativen Gewichtung der Kriterien, die bei der Ermittlung des wirtschaftlich günstigsten Angebots zugrunde gelegt werden. Diese Gewichtung kann mittels einer Marge angegeben werden, deren größte Bandbreite angemessen sein muss. Unbeschadet etwaiger administrativer Vorschriften des Organs über das Entgelt für bestimmte Dienstleistungen darf die relative Gewichtung des Preiskriteriums gegenüber den anderen Kriterien nicht dazu führen, dass das Preiskriterium bei der Wahl des Auftragnehmers seine Bedeutung verliert.“ |
22. |
Folgender Artikel 138a wird eingefügt: „Artikel 138a Durchführung von elektronischen Auktionen (Artikel 97 Absatz 2 der Haushaltsordnung) (1) Bei der Verwendung des offenen und nichtoffenen Verfahrens sowie des Verhandlungsverfahrens können die öffentlichen Auftraggeber im Falle des Artikels 127 Absatz 1 Buchstabe a beschließen, dass der Vergabe eines öffentlichen Auftrags eine elektronische Auktion gemäß Artikel 54 der Richtlinie 2004/18/EG vorausgeht, sofern die Spezifikationen des Auftrags hinreichend präzise beschrieben werden können. Eine elektronische Auktion kann unter den gleichen Bedingungen auch bei einem erneuten Aufruf zum Wettbewerb der Parteien eines Rahmenvertrags nach Artikel 117 Absatz 4 Buchstabe b und bei einem Aufruf zum Wettbewerb hinsichtlich der im Rahmen des in Artikel 125a genannten dynamischen Beschaffungssystems zu vergebenden Aufträge durchgeführt werden. Die elektronische Auktion erstreckt sich entweder allein auf die Preise, wenn der Zuschlag für den Auftrag zum niedrigsten Preis erteilt wird, oder auf die Preise und/oder die Werte der in den Verdingungsunterlagen genannten Angebotskomponenten, wenn das wirtschaftlich günstigste Angebot den Zuschlag für den Auftrag erhält. (2) Öffentliche Auftraggeber, die die Durchführung einer elektronischen Auktion beschließen, weisen in der Bekanntmachung darauf hin. Die Verdingungsunterlagen enthalten unter anderem folgende Informationen:
(3) Vor der Durchführung einer elektronischen Auktion nehmen die öffentlichen Auftraggeber anhand der Zuschlagskriterien und der dafür festgelegten Gewichtung eine erste vollständige Evaluierung der Angebote vor. Alle Bieter, die zulässige Angebote unterbreitet haben, werden gleichzeitig auf elektronischem Wege aufgefordert, neue Preise und/oder Werte vorzulegen. Die Aufforderung enthält sämtliche relevanten Angaben betreffend die individuelle Verbindung zur verwendeten elektronischen Vorrichtung sowie das Datum und die Uhrzeit des Beginns der elektronischen Auktion. Die elektronische Auktion kann mehrere aufeinander folgende Phasen umfassen. Sie darf frühestens zwei Arbeitstage nach der Versendung der Aufforderungen beginnen. (4) Erfolgt der Zuschlag für das wirtschaftlich günstigste Angebot, so wird der Aufforderung das Ergebnis einer vollständigen Bewertung des Angebots des betreffenden Bieters, die entsprechend der Gewichtung nach Artikel 138 Absatz 3 Unterabsatz 1 durchgeführt wurde, beigefügt. In der Aufforderung ist ebenfalls die mathematische Formel vermerkt, der zufolge bei der elektronischen Auktion die automatischen Neureihungen entsprechend den vorgelegten neuen Preisen und/oder den neuen Werten vorgenommen wird. Aus dieser Formel geht auch die Gewichtung aller Kriterien für die Ermittlung des wirtschaftlich günstigsten Angebots hervor, so wie sie in der Bekanntmachung oder in den Verdingungsunterlagen angegeben ist; zu diesem Zweck sind etwaige Margen durch einen im Voraus festgelegten Wert auszudrücken. Sind Varianten zulässig, so muss für jede einzelne Variante getrennt eine Formel angegeben werden. (5) Die öffentlichen Auftraggeber übermitteln allen Bietern im Laufe einer jeden Phase der elektronischen Auktion unverzüglich zumindest die Informationen, die erforderlich sind, damit den Bietern jederzeit ihr jeweiliger Rang bekannt ist. Sie können ferner zusätzliche Informationen zu anderen vorgelegten Preisen oder Werten übermitteln, sofern dies in den Verdingungsunterlagen angegeben ist. Darüber hinaus können sie jederzeit die Zahl der Teilnehmer an der Phase der Auktion bekannt geben. Sie dürfen jedoch keinesfalls während der Phasen der elektronischen Auktion die Identität der Bieter bekannt geben. (6) Die öffentlichen Auftraggeber schließen die elektronische Auktion nach einer oder mehreren der folgenden Vorgehensweisen ab:
Wenn die öffentlichen Auftraggeber beschlossen haben, die elektronische Auktion gemäß Buchstabe c, gegebenenfalls kombiniert mit dem Verfahren nach Buchstabe b, abzuschließen, wird in der Aufforderung zur Teilnahme an der Auktion der Zeitplan für jede Auktionsphase angegeben. (7) Nach Abschluss der elektronischen Auktion vergibt der öffentliche Auftraggeber den Auftrag gemäß Artikel 138 entsprechend den Ergebnissen der elektronischen Auktion. Öffentliche Auftraggeber dürfen elektronische Auktionen nicht missbräuchlich oder dergestalt durchführen, dass der Wettbewerb ausgeschaltet, eingeschränkt oder verfälscht wird, oder dergestalt, dass der Auftragsgegenstand, wie er im Zuge der Veröffentlichung der Bekanntmachung ausgeschrieben und in den Verdingungsunterlagen definiert worden ist, verändert wird.“ |
23. |
In Artikel 139 Absatz 1 Unterabsatz 1 wird folgender Satz angefügt: „Die entsprechenden Erläuterungen können insbesondere die Einhaltung der Vorschriften über Arbeitsschutz und Arbeitsbedingungen, die am Ort der Leistungserbringung gelten, betreffen.“ |
24. |
Artikel 140 wird wie folgt geändert:
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25. |
Artikel 141 wird wie folgt geändert:
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26. |
Artikel 142 erhält folgende Fassung: „Artikel 142 Fristen im Falle der Dringlichkeit (Artikel 98 Absatz 1 der Haushaltsordnung) (1) In Fällen, in denen die Dringlichkeit die Einhaltung der in Artikel 140 Absatz 3 für nichtoffene Verfahren und Verhandlungsverfahren mit Veröffentlichung einer Bekanntmachung vorgesehenen Mindestfristen nachweislich unmöglich macht, können die öffentlichen Auftraggeber folgende Fristen festsetzen:
(2) Bei nichtoffenen Verfahren und beschleunigten Verhandlungsverfahren werden die zusätzlichen Auskünfte zu den Verdingungsunterlagen, sofern sie rechtzeitig angefordert worden sind, allen Bewerbern und Bietern spätestens vier Kalendertage vor Ablauf der Frist für den Eingang der Angebote mitgeteilt.“ |
27. |
Artikel 143 wird wie folgt geändert:
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28. |
Artikel 145 wird wie folgt geändert:
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29. |
Artikel 146 wird wie folgt geändert:
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30. |
Artikel 147 wird wie folgt geändert:
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31. |
In Artikel 148 wird folgender Absatz 5 angefügt: „(5) Bei juristischen Dienstleistungsaufträgen im Sinne von Anhang II Teil B der Richtlinie 2004/18/EG kann der öffentliche Auftraggeber mit den Bietern Kontakt aufnehmen, um die Einhaltung der Auswahl- und/oder Zuschlagskriterien zu überprüfen.“ |
32. |
Artikel 149 wird wie folgt geändert:
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33. |
Die Überschrift von Artikel 154 erhält folgende Fassung: „Artikel 154 Feststellung, ob die Schwellenwerte erreicht sind (Artikel 104 und 105 der Haushaltsordnung)“ |
34. |
Artikel 155 Absatz 2 erhält folgende Fassung: „(2) Besteht ein Auftrag aus mehreren Losen, für die jeweils ein gesonderter Auftrag vergeben wird, so muss der Wert eines jeden Loses zur Ermittlung des anwendbaren Schwellenwertes berücksichtigt werden. Wenn der Gesamtwert der Lose den in Artikel 158 genannten Schwellenwert erreicht oder übersteigt, so gelten für jedes einzelne Los die Artikel 90 Absatz 1 und 91 Absätze 1 und 2 der Haushaltsordnung. Ausgenommen sind Lose mit einem geschätzten Auftragswert von weniger als 80 000 EUR bei Dienstleistungs- und Lieferaufträgen oder von 1 Mio. EUR bei Bauaufträgen, sofern der kumulierte Auftragswert dieser Lose 20 % des kumulierten Wertes sämtlicher Lose, die den betreffenden Auftrag ausmachen, nicht übersteigt.“ |
35. |
Artikel 156 wird wie folgt geändert:
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36. |
Artikel 157 erhält folgende Fassung: „Artikel 157 Schwellenwerte für die Veröffentlichung einer Vorabinformation (Artikel 105 der Haushaltsordnung) Die in Artikel 118 genannten Schwellenwerte für die Veröffentlichung einer Vorabinformation werden wie folgt festgesetzt:
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37. |
In Artikel 158 erhalten die Überschrift und Absatz 1 folgende Fassung: „Artikel 158 Schwellenwerte für die in der Richtlinie 2004/18/EG vorgesehenen Verfahren (Artikel 105 der Haushaltsordnung) (1) Die Schwellenwerte gemäß Artikel 105 der Haushaltsordnung werden wie folgt festgesetzt:
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38. |
Artikel 164 wird wie folgt geändert:
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39. |
Artikel 165 Absatz 2 erhält folgende Fassung: „(2) Absatz 1 gilt nicht für Studien-, Forschungs- oder Berufsausbildungsstipendien, die natürlichen Personen gezahlt werden, nicht für im Anschluss an einen Wettbewerb vergebene Preise und nicht im Fall von Beiträgen auf der Grundlage von Pauschalbeträgen und Stückkostensätzen gemäß Artikel 181 Absatz 1.“ |
40. |
Artikel 166 erhält folgende Fassung: „Artikel 166 Jahresplanung (Artikel 110 Absatz 1 der Haushaltsordnung) (1) Jeder zuständige Anweisungsbefugte erstellt alljährlich ein Arbeitsprogramm für den Bereich der Finanzhilfen, das von der Kommission angenommen wird. Das Programm wird möglichst bald nach Beginn des Haushaltsjahres, spätestens jedoch bis zum 31. März eines jeden Jahres auf der Internetseite der Kommission betreffend die Finanzhilfen veröffentlicht. Das Arbeitsprogramm enthält Angaben über den Basisrechtsakt, die Ziele, den Zeitplan für die Aufforderung zur Einreichung von Vorschlägen sowie deren Richtbetrag und die erwarteten Ergebnisse. (2) Bei substanziellen Änderungen des Arbeitsprogramms im Jahresverlauf wird nach den Modalitäten von Absatz 1 ein ergänzendes Dokument angenommen und veröffentlicht.“ |
41. |
Artikel 168 Absatz 1 Buchstabe d erhält folgende Fassung:
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42. |
Artikel 169 Absatz 2 Buchstabe c erhält folgende Fassung:
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43. |
Artikel 172 Absatz 1 erhält folgende Fassung: „(1) Der Empfänger weist die Beträge der Kofinanzierungen nach, die entweder aus eigenen Mitteln oder in Form von Finanztransfers seitens Dritter oder aber als Sachleistungen eingebracht werden, außer im Falle der in Artikel 181 Absatz 1 genannten Pauschalbeträge und Stückkostensätze.“ |
44. |
Artikel 180 wird wie folgt geändert:
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45. |
Artikel 181 erhält folgende Fassung: „Artikel 181 Pauschalfinanzierungen (Artikel 117 der Haushaltsordnung) (1) Außer im Falle von Stipendien und Preisen kann die Kommission Finanzbeiträge im Pauschalbetrag bis zu 10 000 EUR sowie Stückkostensätze zulassen. Darüber hinaus kann sie auf der Grundlage der im Anhang zum Statut aufgeführten bzw. jährlich von der Kommission genehmigten Tabelle Tagegelder für Dienstreisen zulassen. (2) Zur Deckung verschiedener Arten von förderfähigen Kosten kann ein Empfänger mehrere der in Absatz 1 genannten Finanzierungen kumulieren. In dem Beschluss der Kommission gemäß Absatz 1 wird der Höchstbetrag der für jede Finanzierung oder Finanzierungskategorie zulässigen Förderung festgelegt. (3) In der Finanzhilfevereinbarung kann eine Pauschalfinanzierung der Gemeinkosten des Empfängers bis zu maximal 7 % der gesamten förderfähigen direkten Kosten der Maßnahme zugelassen werden, es sei denn, der Empfänger erhält außerdem einen Betriebskostenzuschuss zulasten des Gemeinschaftshaushalts. Der Schwellenwert von 7 % kann auf begründeten Beschluss der Kommission hin überschritten werden. (4) Um die Einhaltung der Grundsätze der Kofinanzierung, des Gewinnverbots und der Wirtschaftlichkeit der Haushaltsführung zu gewährleisten, werden die in Absatz 1 genannten Finanzierungsformen und die Voraussetzungen für ihre etwaige Kumulierung von der Kommission bewertet und festgelegt. Sie werden mindestens alle zwei Jahre vom zuständigen Anweisungsbefugten überprüft. Im Anschluss daran bestätigt oder ändert die Kommission ihren ursprünglichen Beschluss gemäß Absatz 1.“ |
46. |
Artikel 182 wird wie folgt geändert:
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47. |
Artikel 183 erhält folgende Fassung: „Artikel 183 Aussetzung und Kürzung von Finanzhilfen (Artikel 119 der Haushaltsordnung) Der zuständige Anweisungsbefugte setzt die Zahlungen in folgenden Fällen aus:
Der zuständige Anweisungsbefugte veranlasst sodann, je nach Stand des Verfahrens und nachdem er dem (den) Empfänger(n) Gelegenheit zur Stellungnahme gegeben hat, entweder eine Kürzung der Finanzhilfe oder aber er verlangt, dass diese von dem oder den Empfängern in entsprechender Höhe zurückgezahlt wird.“ |
48. |
Artikel 234 Absatz 1 Satz 1 erhält folgende Fassung: „Zur Ausführung von Zahlungen in der Währung des Empfängerstaates werden bei einem Finanzinstitut des betreffenden Staates oder eines Mitgliedstaates auf Euro lautende Konten im Namen der Kommission oder — im gegenseitigen Einvernehmen — im Namen des Empfängers eingerichtet.“ |
49. |
Artikel 241 Absatz 3 Unterabsatz 3 erhält folgende Fassung: „Gehen bei dem öffentlichen Auftraggeber weniger als drei zulässige Angebote ein, so ist das Verfahren zu annullieren und ein neues einzuleiten. Erbringt das zweite Verfahren ebenfalls weniger als drei zulässige Angebote, so kann der öffentliche Auftraggeber den betreffenden Auftrag auf der Grundlage eines einzigen zulässigen Angebotes vergeben.“ |
Artikel 2
Für die Verfahren zur Vergabe öffentlicher Aufträge und zur Gewährung von Finanzhilfen, die vor dem Inkrafttreten dieser Verordnung eingeleitet werden, sind die zum Zeitpunkt der Einleitung dieser Verfahren geltenden Bestimmungen maßgebend.
Artikel 3
Diese Verordnung tritt am dritten Tag nach ihrer Veröffentlichung im Amtsblatt der Europäischen Union in Kraft.
Diese Verordnung ist in allen ihren Teilen verbindlich und gilt unmittelbar in jedem Mitgliedstaat.
Brüssel, den 20. Juli 2005
Für die Kommission
Dalia GRYBAUSKAITĖ
Mitglied der Kommission
(1) ABl. L 248 vom 16.9.2002, S. 1.
(2) ABl. L 134 vom 30.4.2004, S. 114. Richtlinie geändert durch die Verordnung (EG) Nr. 1874/2004 der Kommission (ABl. L 326 vom 29.10.2004, S. 17).
(3) ABl. L 357 vom 31.12.2002, S. 1.
(4) ABl. L 209 vom 24.7.1992, S. 1. Richtlinie aufgehoben durch die Richtlinie 2004/18/EG.
(5) ABl. L 340 vom 16.12.2002, S. 1. Verordnung geändert durch die Verordnung (EG) Nr. 2151/2003 der Kommission (ABl. L 329 vom 17.12.2003, S. 1).
(6) ABl. L 134 vom 30.4.2004, S. 114.“
(7) ABl. L 340 vom 16.12.2002, S. 1.“
(8) ABl. L 114 vom 24.4.2001, S. 1.“
(9) ABl. L 13 vom 19.1.2000, S. 12.“